उत्तर: यूरोप के अन्य भागों की तुलना में यूरोप में राष्ट्रवाद का विकास कुछ अलग तरह से हुआ था। अठारहवीं सदी से पहले ब्रिटिश द्वीप अलग-अलग नस्लों में बँटे हुए थे जिनकी अलग-अलग सांस्कृतिक और राजनैतिक परंपरा था; जैसे कि इंगलिश, वेल्श, स्कॉट या आइरिस। इंग्लिश राष्ट्र के धन, संपदा, महत्व और ताकत में वृद्धि होने के साथ-साथ ब्रिटिश द्वीपसमूहों के अन्य राष्ट्रों पर इंग्लिश राष्ट्र का प्रभुत्व बढ़ रहा था। एक लंबे झगड़े के बाद इंगलिश पार्लियामेंट ने 1688 में राजपरिवार से सत्ता ले ली। ब्रिटेन के राष्ट्रों के निर्माण में इंग्लिश पार्लियामेंट की अहम भूमिका रही है। 1707 में इंगलैंड और स्कॉटलैंड के बीच यूनियन ऐक्ट बना जिसके परिणामस्वरूप “यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन” की स्थापना हुई। अपनी वित्तीय ताकत के कारण इंगलैंड ब्रिटिश द्वीपों के अन्य राष्ट्रों पर बीस पड़ता था। इसके कारण एक ऐसे यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का निर्माण हुआ जिसमें इंगलैंड एक हावी सदस्य था और अन्य नस्ल के लोगों को इंग्लिश संस्कृति द्वारा दबा दिया गया।