1814 के वियेना कॉन्ग्रेस में जर्मनी की पहचान 39 राज्यों के एक लचर संघ के रूप में हुई थी। इस संघटण का निर्माण नेपोलियन द्वारा पहले ही किया गया था। 1848 के मई महीने में फ्रैंकफर्ट संसद में विभिन्न राजनैतिक संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने एक जर्मन राष्ट्र के लिये एक संविधान की रचना की। उसके अनुसार जर्मन राष्ट्र का मुखिया कोई राजा होता तो संसद के प्रति जवाबदेह होता। ऑट्टो वॉन बिस्मार्क जो प्रसिया के मुख्यमंत्री थे जर्मन एकीकरण के मुख्य सूत्रधार थे। इस काम के लिए उन्होने प्रसिया की सेना और अफसरशाही की मदद ली थी। उसके बाद ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से सात साल के भीतर तीन लड़ाइयाँ हुईं। उन युद्धों की परिणति हुई प्रसिया की जीत मे जिसने जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया को संपूर्ण किया। 1871 के जनवरी महीने में वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम 1 को जर्मनी का शहंशाह घोषित किया गया।