अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
.अर्थव्यवस्था दो शब्दो से मिलने पर बनता है: अर्थ + व्यवस्था।
.अर्थ मतलब मुद्रा, धन और
.व्यवस्था का मतलब है एक कार्यप्रणाली, व्यवस्था।
अर्थव्यवस्था वह सरंचना है, जिसके अंतर्गत सभी आर्थिक गतिविधियां का संचालन होता है।
पूंजीवाद अर्थव्यवस्था क्या है?
.पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में संपत्ति और व्यवसाय निजी आदमी का होता है
. जिन व्यक्तियों के पास निर्माण के साधन जैसे कारखाने, मिल, उद्योग आदि होते हैं, वो इनसे उत्पादित माल को बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं।
.पूंजीवाद में मुख्य रूप से लाभ कमाने पर ध्यान दिया जाता है।
.पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नए उत्पादों पर जोर दिया जाता है
पूंजी=निजी संपत्ति
समाजवाद अर्थव्यवस्था क्या है?
.समाजवाद एक ऐसी अर्थव्यवस्था होती है, जिसमें उत्पादन के साधन राज्य या जनता के पास होते हैं।
.समाजवाद संसाधनों के समान वितरण और जन कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है।
.समाजवादी अर्थव्यवस्था में यह देखा जाता है कि सभी के पास समान और पर्याप्त उत्पाद हैं कि नहीं।
समाज=संग-साथ
मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या होती है?
.जिसमें समाजवाद और पूंजीवाद दोनों की विशेषताओं को समाहित किया जाता है।
.भारत भी एक मिश्रित अर्थव्यवस्था वाला देश है।
.निजी संपत्ति बनाने और रखने की अनुमति होती है
.नागरिकों को अपना व्यवसाय चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है
.निजी संपत्ति बनाने और रखने की अनुमति होती है
.सरकार मूल्य वितरण प्रणाली के माध्यम से सार्वजनिक हित में कीमतों को विनियमित कर सकती है।
मिश्रित =मिलावट
आर्थिक विकास क्या हैं?
.आर्थिक वृद्धि का मतलब देश के सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय , में वृद्धि
और गरीबों की जनसंख्या में कमी होती है
.आर्थिक विकास से आशय किसी देश की आधारभूत संरचना की मजबूती , सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन होता है।
*सतत विकास क्या हैं?imp
.ऐसे विकास से है, जो हमारी आगे पीढ़ियों की अपनी जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकताएं पूरी करे। जैसे पर्यावरण संरक्षण
आर्थिक नियोजन क्या है?
.आर्थिक नियोजन का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो भी संसाधन उपलब्ध हैं उन्हें विकास के लिए खर्च करना
.इसमें सबसे पहले हमें अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सोचना पड़ता है
.इसमें सारी चीजें आवंटित की जाती हैं कि किस सेक्टर में कितने पैसे लगाने हैं
. धन संबंधी जितने भी व्यवस्थाएं हैं उन सब को आर्थिक नियोजन कहेंगे
. जैसेअगर हम अपने घर की बात करें तो इसमें भी हमारे जो भी सैलरी आती है जितने पैसे इनकम है हमारी उसे हम अलग-अलग चीजों में डिवाइड करते हैं ताकि पूरा महीना आराम से चल सके और फ्यूचर के लिए भी कुछ सेविंग हो जाए तो अगर आप प्लानिंग करके खर्च करते हैं सारी चीजों को ताकि आपका डेवलपमेंट हो सके तो इसे ही आर्थिक नियोजन कहा जाता है
भारत की आर्थिक योजना के उद्देश्य
1.आत्मनिर्भर 2.आर्थिक स्थिरता 3.समाज कल्याण और सेवाएं 4.क्षेत्रीय विकास 5.व्यापक विकास
भारतीय नियोजन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास है