You once said "let's do breakup " do you remember?
I had also said that if there is something worth breaking, between the two, do it. Then both were stuck into the hands of our hearts. ____
آپ نے ایک بار کہا تھا "چلو بریک اپ کرتے ہیں" کیا آپ کو یاد ہے؟
میں نے یہ بھی کہا تھا کہ اگر دونوں کے درمیان کوئی چیز ٹوٹنے کے لائق ہے تو کر لو۔ پھر دونوں ہمارے دلوں کے ہاتھوں میں پھنس گئے۔ ___
آج ایک ہفتہ ہو گیا، بات نہیں ہو رہی۔ اب تک ایسا کچھ نہیں ہوا۔
آج تم کسی اور کی بیوی ہو (والدین کے ہاتھوں مجبور)__ پھر بھی اس احساس میں کچھ نہیں بدلا۔
میں اب بھی پھنس گیا ہوں، جیسے میں پچھلے معاملے پر مجبور تھا۔ فرق صرف اتنا ہے کہ اب دونوں مجبوری میں الگ ہیں اور تب بھی مجبوری میں ساتھ تھے .میں وہیں کھڑا ہوں اسی جگہ اور اسی طرح جس کو محبت کہتے ہیں۔
میں اب ایک دن بہت سوچتا ہوں۔ کوئی نئی بات نہیں ہے۔ میں پہلے بھی ایسا ہی کرتا تھا۔ کچھ نہیں بدلا۔ اب میں اکثر یہی کرتا ہوں، بس اتنا ہی فرق ہے۔
پھر بھی کھانا کھاتے ہیں، پانی پیتے ہیں، نیند کی گولیوں کے بغیر بھی سوتے ہیں۔ اس میں بھی کچھ نیا نہیں ہے۔ کچھ نہیں بدلا۔ مسلسل کئی دن تھکاوٹ کے بعد ہی نیند آتی ہے، بس اتنا ہی فرق ہے۔
تیرا خواب پہلے نہیں آیا تھا، تم آرہے تھے۔
اب تم نہیں آتے صرف خواب آتے ہیں۔
یہ سب اچھا ہے.
اگر صرف شناسائی کی بات ہوتی، صرف تعارف کی بات ہوتی تو میں بھول جاتا۔ کاش یہ صرف علم ہوتا۔ کاش اس زخم کو بھر سکتا۔
اگر کسی رشتے کی بات ہوتی تو میں بھی توڑ دیتا۔ کچھ بھی
یہاں تک کہ متعلقہ نہیں. کاش میں محبت کی اس گرہ کو کھول سکتا۔
بس جینے کا حسین سفر تھا، میں بار بار کس کے ساتھ رہوں؟
میں اپنی زیارت کے اسی پڑاؤ پر، اسی مقام پر ہوں۔ کسی وقت آنے کی امید کے ساتھ، اس کے بعد سفر شروع ہو جائے گا۔
میں جو کہوں گا اس پر یقین ضرور کروں گا، مجھے آپ پر بھی اتنا ہی یقین ہے۔
آپ کی وہ
Translation-
To her,
तुमने एक बार कहा था "breakup कर लेते है" तुम्हे याद ही हो। मैने भी तो कहा था कि अगर तोड़ना लायक है दोनो के बीच कुछ तो जरूर कर ली। फिर मज़बूर हो गए थे दोनो अपने दिलो के हाथो । ____
आज हफ्तों हो गया , बात नही करते हुए। अब भी कुछ हुआ तो नहीं।
आज तुम किसी और की wife हो| __ अब भी कुछ हुआ तो नहीं |
अभी भी उस भावना में कुछ भी नहीं बदला है।
मैं अभी भी अटका हुआ हूँ, जैसे मैं पिछली बात पर मजबूर था। फर्क सिर्फ इतना है कि अब दोनों मजबूरी में अलग थे और मजबूरी में साथ थे। मैं वहीं खड़ा हूं, उसी जगह और उसी तरह, जिसे प्यार कहा जाता है।
मैं आजकल बहुत सोचता हूँ। नया कुछ भी नहीं है। मैं पहले भी यही काम करता था। कुछ नहीं बदला। यही मैं आजकल लगातार करता हूँ, बस इतना ही फर्क है।
फिर भी खाना खा रहे हैं, पानी पी रहे हैं, बिना नींद की गोली खाए भी सो रहे हैं। इसमें भी कुछ नया नहीं है। कुछ नहीं बदला। लगातार कई दिनों तक थके रहने के बाद ही नींद आती है, बस इतना ही फर्क है।
तुम्हारा सपना पहले नहीं आया था, तुम आ रहे थे।
अब तुम मत आना, बस तुम्हारा सपना आता है।
यह सब अच्छा है।
जान-पहचान की बात होती, कुछ परिचय की बात होती तो मैं भूल ही जाता। काश यह केवल जानने वाला होता। काश मैं इस घाव को भर पाता।
किसी रिश्ते की बात होती तो मैं भी तोड़ देता। कुछ भी
संबंधित भी नहीं। काश मैं प्यार की इस गांठ को खोल पाता।
बस एक खूबसूरत सफर था जिंदा होने का, किसके साथ जी सकता हूं बार-बार?
मैं अपनी तीर्थयात्रा के उसी पड़ाव पर, उसी स्थान पर हूं। किसी समय आने की उम्मीद के साथ यात्रा उसके बाद शुरू होगी।
मैं जो कहूंगा उस पर यकीन करूंगा, मुझे भी आप पर इतना ही भरोसा है।
आपका वह।