उन्नीसवीं सदी के शुरुआती दौर के यूरोप में राष्ट्रवाद की भावना पर उदारवाद का गहरा प्रभाव था। एक नये मध्यम वर्ग के लिए उदारवाद का मतलब था व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानून के समक्ष सबकी समानता।
राजनैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण: सउदारवाद का राजनैतिक दृष्टिकोण था आम सहमति से सरकार चलाना। यह तानाशाही के अंत और पादरियों को मिलने वाले विशेषाधिकार की समाप्ति का पक्षधर था। एक संविधान और प्रतिनिधि पर आधारित सरकार की जरूरत भी महसूस की गई। उदारवादियों ने निजी संपत्ति के अधिकार की भी वकालत की।
आर्थिक दृष्टिकोण: आर्थिक उदारवाद नेपोलियन कोड की कई विशेषताओं में से एक थी। नवोदित मध्यम वर्ग भी आर्थिक उदारवाद के पक्षधर था। कई तरह की मुद्राएँ, माप तौल के कई मानक और ट्रेड बैरियर आर्थिक गतिविधियों में रोड़े अटका रहे थे। नया व्यवसायी वर्ग एक ऐसे एकीकृत आर्थिक इलाके की माँग कर रहा था जिससे माल, लोग और पूँजी का प्रवाह निर्बाध रूप से चलता रहे।